डेट ऑफ़ बर्थ से कैसे जाने शादी कब होगी?
पंचांग-पुराण से और कुंडली में सप्तम भाव में बुध हो, वह पाप ग्रह (राहु, केतु, मंगल, शनि) से दृष्ट या उनके साथ नहीं हो तो ऐसे में विवाह 22 साल की आयु तक हो जाता है। जिन लोगों की कुंडली के सातवें घर में बुध हो तो उनकी शादी का योग 20 से 25 साल की उम्र में होता है।
मेरी शादी कब होगी?
4/6कब होगी शादी? कुंडली में सप्तम भाव में सप्तमेश बुध हो, वह पाप ग्रह (राहु,केतु, मंगल, शनि) से दृष्ट या उनके साथ नहीं हो तो ऐसे में विवाह 13 से 18 साल की आयु में हो जाती है। आज के समय के हिसाब से बात करें तो 22 वर्ष तक शादी होने की प्रबल संभावना रहती है।
शादी कौन सी दिशा में होगी?
यदि मंगल स्वराशि का है, यानि प्रबल है तो मंगल की दिशा यानि दक्षिण दिशा को ही साथी की दिशा मानना चाहिए। यदि मंगल कमजोर है, मगर सप्तम में चन्द्र है जो शुभ प्रभाव में है तो वायव्य दिशा को साथी की दिशा मानना चाहिए। यदि मंगल और चन्द्र दोनों ही प्रबल हो तो इनके मध्य की दिशा को लिया जाना चाहिए।
नाम से कैसे जाने विवाह कब होगा?
जब लग्नेश गोचरानुसार सप्तम भावस्थ राशि में आता है, तब विवाह होता है। जब गोचर का शुक्र या सप्तमेश लग्नेश की राशि या लग्नेश के नवांश से त्रिकोण में जाता है, तब विवाह होता है।
कुंडली से कैसे जाने शादी कब होगी?
अगर आपकी जन्मकुंडली के सातवे भाव में बुध या कोई पाप ग्रह जैसे राहु, केतू, मंगल शनि से दृष्ट या इने साथ ना हो तो ऐसे में आपका विवाह 22 साल की उम्र से पहले ही हो जाता है। वहीं सप्तम भाव में बुध बैठा हो तो उस जातक का विवाह 22 से 25 साल की उम्र में होता है। अगर राहु या शनि का प्रभाव हो तो 27 की उम्र में विवाह होता है।
मांगलिक की शादी कब होती है?
मंगल दोष व्यक्ति के विवाह में देरी अथवा अन्य प्रकार की रुकावटों का कारण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में बैठा हो तो यह स्थिति कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण करती है।
सूर्य कौन सी दिशा में उदय होता है?
पूर्व यानी पहले। सूरज भी सबसे पहले उठता है, इसीलिए वह पूर्व से आता है। सूरज की फेवरेट दिशा है पूर्व, इसलिए उसे कहीं और से आना पसंद नहीं है।
शादी के लिए क्या उपाय करना चाहिए?
3/5शीघ्र विवाह के लिए कर लें ये उपाय लाल किताब के अनुसार शीघ्र विवाह के लिए हर बृहस्पतिवार को और हर पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की परिक्रमा जरूर करें। कम से कम 108 बार परिक्रमा करना चाहिए। साथ ही वट वृक्ष, पीपल और केले के पेड़ में भी जल देना चाहिए। ऐसा करने से विवाह के योग्य जल्दी बनते हैं।
क्या मांगलिक की शादी Non मांगलिक से हो सकती है?
इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल दोष है और कुंडली में उसी भाव में मंगल के सामने शनि, बृहस्पति, राहू या केतू विद्दमान हैं तो मांगलिक दोष खुद ही खत्म हो जाता है। ऐसे में मांगलिक इंसान की शादी गैर मांगलिक से हो सकती है।
मंगल दोष का निवारण क्या है?
ऐसे करें मांगलिक दोष का निवारण मंगलवार के दिन लाल कपड़ा धारण करना चाहिए। लाल सिंदूर हनुमान मंदिर में चढाएं। विधिपूर्वक दूध, लाल मसूर की दाल, घी, दही, शक्कर, लाल गुलाब और लाल वस्त्र से हुनमान जी की पूजा करें। जरूरतमंदों को लाल वस्त्र या लाल मसूर दान करें।
सूरज कहाँ से उदय होता है?
इंडिया में जहां सबसे पहले सूर्योदय होता है उस राज्य का नाम अरुणाचल प्रदेश है। जिसका नाम उगते हुए सूर्य को ध्यान में रखकर रखा गया है। अरुण यानी सूर्य और चल यानि उदय होना इस तरह अरुणाचल का अर्थ होता है सूर्य का उदय होना। अरुणाचल प्रदेश को उगते सूरज की भूमि भी कहा जाता है।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें?
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा कैसे पता करें?पश्चिम जिस दिशा में सूर्य अस्त होता है अर्थात सूरज डूबता है, वह पश्चिम दिशा होती है। उत्तर अगर आप पूर्व की तरफ मुँह करके खड़े हो जाये तो आपके बाएं हाथ की तरफ उत्तर दिशा होगी। दक्षिण अगर आप पूर्व की तरफ मुँह करके खड़े हो जाये तो आपके दाएं हाथ की तरफ दक्षिण दिशा होगी।Aug 23, 2020
शादी में आ रही बाधा को कैसे दूर करें?
8. जिस युवक-युवती के विवाह में बाधा आ रही हो, रिश्ता टूट जाता हो वह गुरुवार को पीपल, वट वृक्ष या केले के पौधे को जल चढ़ाए। मंगलवार को हनुमानजी को घी मिश्रित सिंदूर चढ़ाने और शुक्रवार को किसी महिला को इत्र का दान करने से भी विवाह में आ रही बाधा शीघ्र दूर होती है।
कुंडली में विवाह कब होगा?
विवाह समय के संबंध में कुंडली पर कुछ शोधकार्य भी हुआ है। मोटे रूप में विवाह की अवस्था (18 से 28 के लगभग) में जब शनि और बृहस्पति दोनों सप्तम भाव और लग्न को देखते हों या गोचरवश इन भावों में आ जाएं तो उस अवधि में अवश्य विवाह होता है।